Top latest Five बबूल के फायदे और नुकसान Urban news





खूनी पेचिश में १ चम्मच पत्ते के रस को शहद में मिलाकर लेना चाहिए।

बबूल के गोंद को घी में तलें। इसको खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है।

व्रण, घाव : पत्तों से घाव धोना लाभकारी है। पत्तों का पाउडर घाव पर छिड़क कर लगाएं।

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यह दूसरे दर्जे में गर्म और खुश्क है इसके फूल में थोड़ी सी गर्मी और कब्ज रहती हैं

ये चीजें त्वचा को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं.

बबूल के पेड़ की पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं और इसके पेड़ कांटेदार होते हैं। गर्मी के मौसम में बबूल के पेड़ पर पीले रंग के गोल-गोल आकार में फूल खिलते हैं, जो गुच्छों में होते हैं। इसकी फलियां ठंड के मौसम में आती हैं। बबूल के पेड़ से निकलने वाले गोंद और उसकी छाल का व्यवसाय किया जाता है।

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महिला

बबूल के पेड़ से निकला यह गोंद, खाने योग्य होता है तथा मिठाई बनाने के लिए भी प्रयोग होता है।

बबूल गोंद के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे से बचे रह सकते हैं। इसमें एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर से कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में बहुत मददगार होते हैं। इसके अलावा यह हमारे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने का कार्य करते हैं जिससे हमारे शरीर में कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

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जब आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण होता है तो यह आपके लिए बहुत असुविधाजनक होता है। ऐसी स्थिति में आपको पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्‍टर आपको कोई सिरप या दवा देगा। आप बबूल गोंद का भी उपयोग कर सकते हैं, क्‍योंकि अधिकांश सिरप में बबूल गोंद मुख्‍य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आपको गले में जलन और दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप इसका सेवन करने से गले के संक्रमण के दौरान राहत प्राप्‍त कर सकते हैं।

शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव हो रहा हो तो उस अंग पर बबूल के पत्तों का रस लगाएं। इससे रक्तस्राव रुक जाता है।

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